नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज

नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज

बस्ती, 21 जनवरी। परिषदीय विद्यालय के एक अध्यापक के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर छठीं कक्षा की छात्रा के यौन उत्पीड़न मामले में पैकोलिया थाने में धारा 376 एबी, 354 बी, 504, 506 तथा पॉक्सो एक्ट 5/6, 9/10 के तहत मुकदमा दर्ज है। पुलिस उसे गिरफ्तार करने की हिम्मत नही जुटा पा रही है। पीड़ित परिवार भयभीत है और उस पर परोक्ष अपरोक्ष सुलह समझौते का दबाव बनाया जा रहा है।

आरोप है कि थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र यादव 4 लाख रूपये लेकर सुलह करने का दबाव बना रहे हैं। मामला पुलिस कप्तान और डीआईजी के सज्ञान मे है। छात्रा का नाम कटवाकर परिजनों ने दूसरे स्कूल में लिखवा दिया। इसके बावजूद वह भयभीत है और स्कूल नही जाना चाहती। परिजनों की माने तो वह गहरे अवसाद में है। किसी सामान्य व्यक्ति पर सामान्य धाराओं में भी मुकदमा दर्ज होता तो पुलिस कालर पकड़कर उसे उठा ले जाती। आरोपी सरकारी कर्मचारी है इसलिये उसे पुलिसिया संरक्षण दिया जा रहा है। मामला बस्ती जिले के गौर विकास क्षेत्र का है।

यहां एक गांव की रहने वाली छात्रा जलालाबाद परिषदीय विद्यालय में कक्षा 6 में पढ़ती थी। परिजनों का कहना है कि 15 सितम्बर 2023 को उनकी बेटी से प्रभारी प्रधानाध्यापक पवन कनौजिया ने पानी मांगा और एक कमरे में लेकर आने को कहा। बेटी पानी लेकर गई तो पवन कनौजिया ने उसे पकड़ लिया और बैड टच करने लगे, उनकी मोबाइल में पोर्न फिल्म चल रही थी, उसे जबरिया दिखाने लगे, पूछा अच्छा लग रहा है, बेटी ने देखने से मना कर दिया। इसके बावजूद वह अश्लील हरकतें करता रहा। आरोप है कि पवन कनौजिया ने बेटी के प्राइवेट में उंगली डाली और उसे बुरी तरह बैड टच करने लगा।

छात्रा ने कहा अपने मां बाप को बतायेंगे, इसके बाद धमकी देकर उसकी जुबान बंद करा दी। छात्रा स्कूल जाने से कतराने लगी तो परिजनों ने दबाव बनाकर पूछा, इसके बाद उसने मां से सारी बात बताया। मां, पिता दोनो बेटी के साथ स्कूल पहुंचे, पवन कनौजिया से पूछने पर उसने छात्रा की मां्र को भी भद्दी गाली दी। मामला पैकालिया थाने पर पहुंचा। थानाध्यक्ष मुकदमा दर्ज करने की बजाय छात्रा पर बयान बदलने का दबाव बनाने लगे। आरोप तो यह भी है उन्होने छात्रा की जुबान बंद कराने के लिये महिला कान्स्टेबल से कमरे में ले जाकर थर्ड डिग्री भी दिलाई। इस मामले में सीओ की भी भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है। उन्होने भी आरोपी का बचाव किया और उसका पक्ष रखती रहीं।

मजबूर होकर कोर्ट का सहारा लिया। अंततः कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया। ढींठ थानाध्यक्ष इसके बाद भी मुकदमा नही दर्ज कर रहा था। कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्षने कई बार थानाध्यक्ष से बात किया। करीब 15 दिन टालमटोल करने के बाद गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है उसमे 7 साल से अधिक की सजा का प्रावधान है फिर भी आरोपी आजाद घूम रहा है और यौन उत्पीड़न की शिकार छात्रा आज भी दहशत मे है। वह अवसादग्रस्त है। परिजनों का कहना है कि उसने कोई उल्टा सीधा कदम उठाया तो स्थानीय पुलिस इसकी जिम्मेदार होगी।

28 जनवरी को कांग्रेस पार्टी का एक प्रतिनिधि पीड़ित परिवार को लेकर पुलिस कप्तान अभिनंदन से मिला। पूरे प्रकरण की जानकारी दी। पीड़िता की मां ने मौके पर ही थानाध्यक्ष को तलब करने को कहा। आफिस मे बैठी क्षेत्राधिकारी कहा मुकदमा तो दर्ज है, पीड़ित परिजन क्षेत्राधिकारी पर बरस पड़े और उनकी भी बखिया उधेड़ दी। कांग्रेस अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ज्ञानू ने कहा इतना प्रकरण है और पुलिस सो रही है। ऐसा लगता है कोई और घटना करवाकर दम लेंगे। उन्होने पुलिस कप्तान से आग्रह किया कि व्यक्तिगत स्तर पर प्रकरण की जांच करा लें और पीड़ित परिवार को न्याय दिलायें। पुलिस कप्तान ने भरोसा दिलाया है कि मामले में उचित कार्यवाही की जायेगी। उनसे मिलने वालों में डा. आलोक रंजन वर्मा गंगा प्रसाद मिश्रा आदि मौजूद रहे।

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