तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने की राह पर भारत

नई दिल्ली।।भारत की अर्थव्यवस्था पूरी दुनिया में तेजी के साथ बढ़ रही है महामारी के झटकों के बाद V-साइज की रिकवरी के साथ भारत की सफलता की दौड़ जारी है और उसकी अर्थव्यवस्था के साल 2023 में समान ग्रोथ ट्रैजेक्टरी को दोहराने का अनुमान है
भारत अब से एक दशक से भी कम समय में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. भारत ने 2047 तक एक विकसित देश बनने का लक्ष्य भी रखा है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में वर्ल्ड बैंक द्वारा भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमानों को 6.4 फीसदी से 6.9 फीसदी तक संशोधित करना हाल के दिनों में भारत की नीतियों और रिफॉर्म्स की पुष्टि करता है. भारत में वर्ल्ड बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्त तानो कुआमे ने ‘उल्लेखनीय रूप से लचीला’ अर्थव्यवस्था के लिए भारत के मजबूत मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल को श्रेय दिया
भारत सरकार के अपने अनुमानों के अनुसार, भारत वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 7 फीसदी की ग्रोथ दर्ज करेगा. मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन के मुताबिक, यह देखते हुए कि दुनिया भर के कई देश विपरीत आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रहे हैं, यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है. मंत्रालय के अनुसार, देश की नॉमिनल जीडीपी भी 15.4 फीसदी बढ़ने का अनुमान है.
अहम साबित हुए हैं PLI और पीएम गति शक्ति जैसे रिफॉर्म
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सरकार के पॉलिसी रिफॉर्म्स प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) और पीएम गति शक्ति भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अनुकूल परिणाम प्राप्त करने में महत्वपूर्ण साबित हुए हैं
लेखक और निवेशक हर्ष मधुसूदन कहते हैं कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव मैन्युफैक्चरिंग निर्यात को बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह दुनिया के एक कन्सन्ट्रेटेड रीजन से भारत और अन्य स्थानों पर मैन्युफैक्चरिंग के शिफ्ट का एक बड़ा हिस्सा होगा और भारत ऐसी नीतियों का एक बड़ा बेनिफिशरी होगा.
ब्रांड इंडिया की गति को तेज करने के लिए तैयार हैं एक्सप्रेसवे
भारत ने वेलफेयर स्कीम और इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार को सफलतापूर्वक संतुलित किया है. विशेष रूप से महामारी फैलने के बाद से भारत लाखों परिवारों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम था जबकि देश के कठिन इंफ्रास्ट्रक्चर ने पिछले कुछ वर्षों में टोटल ट्रांसफॉर्मेशन देखा है. नए फ्रेट कॉरिडोर के साथ मिलकर रिकॉर्ड गति से एक्सप्रेसवे का निर्माण पहले से फल-फूल रहे ब्रांड इंडिया की गति को तेज करने के लिए तैयार हैं
लॉजिस्टिक कॉस्ट को कम करने का लक्ष्य
भारत का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में अपनी लॉजिस्टिक कॉस्ट को कम करके 14 फीसदी से 8 फीसदी करना है. नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी के मुताबिक, यह सुनिश्चित करेगा कि लॉजिस्टिक भारतीय अर्थव्यवस्था में एक ग्रोथ इंजन की भूमिका निभाए.
भारत को पहली बार 100 अरब अमरीकी डॉलर एफडीआई प्राप्त होने की उम्मीद
एफडीआई नियमों को आसान बनाने के प्रयासों के लिए बेहतर लॉजिस्टिक एक इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में भारत की बेहतर छवि को बेहतर बना देगा. इस वित्तीय वर्ष में भारत को पहली बार 100 अरब अमरीकी डॉलर एफडीआई प्राप्त होने की उम्मीद है.
रिन्यूएबल एनर्जी से रियल एस्टेट तक, फिनटेक से ऑटोमोबाइल तक और स्वास्थ्य सेवा से लेकर हॉस्पिटैलिटी तक, आने वाले समय में सभी भारतीय क्षेत्र बड़ी छलांग लगाने के लिए तैयार हैं. कई लोग अनुमान लगाते हैं कि भारत दुनिया में सबसे अधिक मांग वाले बाजारों में से एक बन जाएगा. भारत अब से एक दशक से भी कम समय में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. भारत ने 2047 तक एक विकसित देश बनने का लक्ष्य भी रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को लगभग 8 फीसदी सालाना की औसत दर से लगातार ग्रोथ करनी होगी.