वाराणसी:आने वाले दिनों में कम होंगी पेट्रोल-डीजल की दरें,केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह ने जताई ऐसी उम्मीद

वाराणसी पहुंचे केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आने वाले दिनों पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होने की उम्मीद जताई है। उन्होंने तेल कंपनियों से अनुरोध किया है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करें।
इसके साथ ही उन्होंने कुछ राज्य सरकारों पर निशाना भी साधा है। कहा कि कुछ राज्य सरकारों ने टैक्स कम नहीं किया है। इस वजह से तेल की कीमत अधिक है।
रविवार को नमो घाट पर पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों के मुकाबले गैर भाजपा शासित राज्यों में तेल की कीमतों में करीब 10 रुपये का अंतर है। केंद्र सरकार ने नवंबर 2021 और मई 2022 को एक्साइज ड्यूटी घटा दी थी। इसके बावजूद कुछ राज्य सरकारों ने वैट कम नहीं किया। अब भी तेल की कीमतें अधिक हैं।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंहने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें नियंत्रण में हैं। तेज कंपनियों की अंडर-रिकवरी बंद हो गई है तो वे भारत में भी तेल की कीमतें कम करें। रूस- यूक्रेन युद्ध ने जब दुनिया में तेल के दामों में आग लगा दी थी, उस दौरान भी देश में डीजल-पेट्रोल के मूल्य नियंत्रित थे। सरकार देश की विकास की दर को बढ़ाने के लिए विदेशों पर ज्यादा निर्भर नहीं रहेगी।
केंद्र सरकार के फैसलों ने विकास दर को बढ़ाया
देश में भी ऊर्जा उत्पादन के सतत प्रयास हो रहे हैं। ऊर्जा जरूरतों से ही देश के विकास को मापा जाता है। जो देश जितना ज्यादा ऊर्जा खर्च करता है, वहां विकास की दर उतनी ही अधिक होती है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से विकास कर रहा है। केंद्र सरकार के फैसलों ने विकास दर को बढ़ा दिया है।
ऊर्जा जरूरतें भी बढ़ी हैं और खपत को पूरा करने के लिए नए औद्योगिक संस्थान स्थापित हो रहे हैं। विदेशी निवेशक भी आ रहे हैं। करीब सौ 100 से अधिक देशी-विदेशी निवेशक काशी पहुंचे हैं। विचार विमर्श चल रहा है।हरित ऊर्जा,बायो, सौर ऊर्जा को भी बढ़ावा देने की योजना है। प्रदेश सरकार भी ऊर्जा योजनाओं को रूप दे रही है
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि देश भर के पेट्रोल पंपों से 2024 तक जैव ईंधन ई-20 मिलने लगेंगे। 2047 तक भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश बन जाएगा। भविष्य में ऊर्जा का नया विकल्प ग्रीन हाइड्रोजन बनकर उभरेगा। इससे प्रदूषण से निजात मिलेगी। ग्रीन हाईड्रोजन पर काम चल रहा है। कैबिनेट ने नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन पालिसी को स्वीकृति दे दी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीएनजी के बाद गंगा में ग्रीन हाइड्रोजन से नावें चलेंगी। भारत और अमेरिका के बीच ग्रीन हाइड्रोजन कॉरिडोर बनेगा। देश प्रति वर्ष चार सौ मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के त्वरित फैसलों ने ऊर्जा क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता बढ़ी है।
देश में ऊर्जा की मांग बढ़ती जा रही हैगेल इंडिया ने लक्ष्य से ज्यादा 583 नावों को सीएनजी में बदल दिया है। अब दो हजार नावों को सीएनजी में बदलने की बारी है। पहले की गैर भाजपा सरकारों को घेरते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 70 वर्षों में ऊर्जा की खपत सात फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ी थी, जबकि 27 देशों से ऊर्जा का आयात होता था। विकास ने गति पकड़ी तो देशों की संख्या बढ़कर 39 हो गई ।
आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में ऊर्जा की मांग बढ़ती जा रही है। अंतरराष्ट्रीय निवेशक भी आ रहे हैं। ऊर्जा उत्पादन को चार गुना करने का प्रयास हो रहा है। 2014 में 1.4 मीट्रिक टन बायो फ्यूल तैयार होता था, जो बढ़कर 10.45 मीट्रिक टन हो गया। 10 फीसदी बायो फ्यूल से ऊ र्जा खपत में 41 करोड़ की बचत हुई है। इसका सीधा फायदा किसानों को मिला। गैर फसली कृषि उत्पाद का प्रयोग ईंधन में बढ़ा है।
सीएनजी बोट रैली को केंद्रीय मंत्री ने दिखाई हरी झंडी
बंगलूरू में शुरू होने वाले ऊर्जा सप्ताह के तहत काशी में नौकायन का आयोजन किया गया। शाम करीब पांच बजे केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नावों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने बताया कि बंगलूरू में छह से आठ फरवरी के बीच इंडिया एनर्जी सप्ताह का आयोजन होना है। हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नौकायन का आयोजन नमो घाट से दशाश्वमेध घाट तक किया गया। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी हुआ।
रविदास घाट पर बनेगा दूसरा सीएनजी टर्मिनल केंद्रीय पेट्रोलिय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि वाराणसी में गंगा किनारे दूसरा सीएनजी टर्मिनल रविदास घाट पर बनेगा। इसके लिए प्रदेश सरकार से जमीन सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी होते ही पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से कार्य शुरू कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री की चाह थी कि बनारस में नावें डीजल की जगह सीएनजी से चलें। इससे नाविकों की बचत होगी। यह सच हो रहा है। नावें सीएनजी से चलने लगी हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डीजल की तुलना में सीएनजी 18 फीसदी ज्यादा माइलेज देती है। नाविक समुदाय ने इसका उपयोग कर अधिक रुपये की बचत की है।