स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए CJM कोर्ट में अर्जी, विद्वेष फैलाने के आरोप

श्रीरामचरित मानस के खिलाफ टिप्पणी करने वाले पूर्व मंत्री और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ इलाहाबाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजीएम) की अदालत में परिवाद दाखिल कर प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की गई है।
श्रीरामचरित मानस के खिलाफ टिप्पणी करने वाले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ इलाहाबाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सीजीएम की अदालत में परिवाद दाखिल कर प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की गई है। कहा गया है कि उनकी टिप्पणी से धार्मिक भावनाएं आहत हुईं हैं।
तुलारामबाग निवासी और पेशे से अधिवक्ता नीरज मिश्र ने अपने प्रार्थना पत्र में कहा है कि वह हिंदू धर्म को मानने वाले हैं तथा उसमें पूर्ण आस्था रखते हैं। दिनांक 23 जनवरी की सुबह उन्होंने घर आए दैनिक समाचार पत्र को पढ़ा तो देखा कि सपा नेता और विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखबार में हिंदू धर्म के सबसे बड़े धार्मिक ग्रंथ के विषय में बेहद गंभीर और अपमानजनक आरोप लगाकर समाज में वैमनस्यता फैलाने, धर्म के प्रति अपमानजनक बातें व समाज में सभी वर्गों में विद्वेष फैलाने का कार्य किया है
समाचार पत्र पढऩे के बाद याची की धार्मिक भावना आहत हुई। याची ने सपा नेता को फोन कर अपना बयान वापस लेने की मांग की लेकिन उनके फोन से संपर्क नहीं हो सका। याची ने इस संबंध में जार्जटाउन थाने में शिकायत पत्र देकर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर को भी इस आशय का शिकायत पत्र भेजा गया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। याची की अर्जी पर प्रभारी सीजीएम ने जार्जटाउन थाने से आख्या मांगी है। इसके साथ ही मामले की सुनवाई के लिए 10 फरवरी की तिथि तय की है।