डा. वी.के. वर्मा को कवि रत्न सम्मान

डॉ.वर्मा ने जिस प्रकार से अपने कृतियों के द्वारा अलख जगा रहे हैं वह सराहनीय

बस्ती। चिकित्सा, शिक्षा और साहित्य सेवा के क्षेत्र में निरन्तर सक्रिय जीवन के 60 बसन्त पार कर चुके डा. वी.के. वर्मा को उनके योगदान के लिये समग्र चेतना साहित्यिक संस्था दिल्ली द्वारा ‘कवि रत्न सम्मान’ से सम्मानित किया गया।

शुक्रवार को कलेक्टेªट परिसर में वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राम कृष्ण लाल ‘जगमग’ ने डा. वी.के. वर्मा को सम्मान पत्र सौंपा।

इस अवसर पर डॉ. राम कृष्ण लाल ‘जगमग’ ने कहा कि डा. वर्मा एक चिकित्सक और कवि धर्म दोनों का निर्वहन कर रहे हैं। कहा कि उनकी प्रमुख कृतियों में ‘भाव मंथन, भावाभिव्यक्ति’ ‘सोच’ के साथ ही कहानी संग्रह पाठकों में विशेष स्थान बना चुकी है। वर्तमान में तथागत पर केन्द्रित महाकाव्य प्रकाशन प्रक्रिया में है।

सम्मानित किये जाने पर डॉ. वी.के. वर्मा ने कहा कि पुरस्कारों से और वेहतर कार्य करने की शक्ति मिलती है। चिकित्सकीय सेवा से जो कुछ पल बचते हैं वे साहित्य को समर्पित है। लेखन कार्य निरन्तर जारी है। तथागत और पर्यावरण पर केन्द्रित एक काव्य संकलन शीघ्र ही पाठकों के समक्ष होगा।

वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम प्रकाश शर्मा ने, त्रिभुवन प्रसाद मिश्र, अजीत श्रीवास्तव ‘राज’ ने कहा कि डॉ.वर्मा ने जिस प्रकार से अपने कृतियों के द्वारा अलख जगा रहे हैं वह सराहनीय है। इस अवसर पर पं. चन्द्रबली मिश्र, बटुकनाथ शुक्ल, बी.के. मिश्रा, हरिकेश प्रजापति जगदम्बा प्रसाद भावुक, पेशकार मिश्र, दीन बंधु उपाध्याय, दीनानाथ, आदि ने डा. वी.के. वर्मा के रचनात्मक योगदान पर प्रकाश डाला।

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