अब त्योहारों के बीच होने वाला मत भेद होगा दूर संबत 2083 से

सनातन हिंदू धर्म के तिथि और त्योहारों को लेकर सरकारी कलंडर के साथ पंचांगों में भी अलग अलग समय होने से अक्सर एक त्योहार दो दिन मनाए जाते है। जिससे लोगों के मध्य भ्रम बना रहता था। लेकिन अब प्रदेश में एक तिथि ,एक त्योहार का नियम लागू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर काशी विद्वत परिषद ने इसका खाका तैयार कर लिया है।

प्रदेश के सभी पंचांग निर्माताओं के साथ सहमति के बाद इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। काशी के पंचांगों में एकरूपता के बाद अब प्रदेश के पंचांग की तिथियों को एक करने की तैयारी शुरू हो गई है। 2026 में पूरे प्रदेश के लिए एक तिथि एक त्योहार वाला पंचांग सामने आएगा। नवसंवत्सर पर इसे आम जनता के लिए लोकार्पित किया जाएगा। इससे प्रदेश के व्रत, पर्व, तिथि और त्योहारों के बीच होने वाला भेद भी दूर होगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर काशी विद्वत परिषद ने इसका खाका तैयार कर लिया है और इसे सात अप्रैल को मुख्यमंत्री को भी भेजा जाएगा।

संवत 2083 से अन्नपूर्णा मठ करेगा त्योहारों का प्रकाशन

2026 में आने वाले नवसंवत्सर में इसका प्रकाशन किया जाएगा। इसके प्रकाशन की जिम्मेदारी अन्नपूर्णा मठ मंदिर उठाएगा। यह पहला मौका होगा जब पूरे प्रदेश में त्योहारों पर होने वाला मतभेद दूर हो जाएगा। इसका प्रकाशन संवत 2083 यानी 2026-27 के लिए किया जाएगा।

सभी नए पंचांगों में रहेगी एकरुपता

काशी के पंचांगों में हो चुकी है एकरूपता लाई जा चुकी है। चैत्र प्रतिपदा से इसकी शुरुआत हुई है। इसमें विश्वपंचांग, ऋषिकेश, महावीर, गणेश आपा, आदित्य पंचांग और ठाकुर प्रसाद के पंचांग शामिल हैं।

अब महत्वपूर्ण पर्व और त्यौहार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, नवरात्र, रामनवमी, अक्षय तृतीया, रक्षाबंधन, श्रावणी, जन्माष्टमी, पितृपक्ष, विजयादशमी, दीपावली, अन्नकूट, नरक चतुर्दशी, भैया दूज, धनतेरस, कार्तिक एकादशी, देवदीपावली, शरद पूर्णिमा, सूर्य षष्ठी, खिचड़ी और होली के साथ सभी त्योहारों में रहने वाला भ्रम दूर हो जाएगा।

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