महाष्टमी पर हवन करने से होंगे 5 फायदे

महाष्टमी पर हवन करने से होंगे 5 फायदे
नवरात्रि, विशेष पाठ या किसी विशेष अनुष्ठान के लिए हवन किया जाता है। नवरात्रि में तो अष्टमी या नवमी पर विशेष तौर पर हवन किया जाता है। हवन को यज्ञ और होम करना भी कहते हैं। हवन करके के कई फायदे हैं। आओ जानते हैं कि हवन करने के कौनसे हैं 5 खास फायदे।*
1. वातावरण की शुद्धि:-हवन में घर और परिसर का संपूर्ण वातावरण शुद्ध हो जाता है। प्रदूषण से मुक्ति मिलती है। हवन के लिए पवित्रता की जरूरत होती है ताकि सेहत के साथ उसकी आध्यात्मिक शुद्धता भी बनी रहे। हवन करने से पूर्व स्वच्छता का ख्याल रखें।
2. जीवाणुओं का नाश:- हवन से हानिकारक वायरस एवं बैक्टिरिया से भी छुटकारा मिलता है। हवन के लिए गाय के गोबर से बनी छोटी-छोटी कटोरियां या उपले घी में डूबो कर डाले जाते हैं। हवन से हर प्रकार के 94 प्रतिशत जीवाणुओं का नाश होता है, अत: घर की शुद्धि तथा सेहत के लिए प्रत्येक घर में हवन करना चाहिए।
3. सेहत होती है अच्छी:-कई शोध ये बात साबित कर चुके हैं कि हवन न केवल वातावरण को प्रदूषण मुक्त बनान, बल्कि अच्छी सेहत के लिए भी जरूरी है। हवन के धुएं से प्राण में संजीवनी शक्ति का संचार होता है। हवन के माध्यम से बीमारियों से छुटकारा पाने का जिक्र ऋग्वेद में भी है। हवन के साथ कोई मंत्र का जाप करने से सकारात्मक ध्वनि तरंगित होती है, शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, अत: कोई भी मंत्र सुविधानुसार बोला जा सकता है।
4. अकाल मृत्यु से मुक्ति:– अकाल मृत्यु के प्रभाव को रोकने के लिए तथा असाध्याय बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को किसी विद्वान पंडित के द्वारा महामृत्युंजय मंत्र के सवा लाख जाप एवं दशांश का हवन करना चाहिए जिससे रोग को शांत किया जा सकता है तथा अकाल मृत्यु को रोका जा सकता है। हवन से सभी तरह की नकारात्मक शक्तियों का निवारण होता है।
5. जीवन में सफलता हेतु हवन:-भारत वर्ष में यज्ञ अनुष्ठान व हवन द्वारा कार्य सिद्धि एवं फल प्राप्ति का विधान अनादि काल से है तथा इन उपायों के द्वारा व्यक्ति अपने भाग्य में भी परिवर्तन कर सकता है। निसंतान दंपति को संतान प्राप्ति हेतु संतान गोपाल मंत्र के 27000 मंत्र जाप कराकर एवं दशांश हवन करवाना चाहिए। मंत्र जाप के समय हरिवंश पुराण का पाठ करवाने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है।