हिन्दू संगठनों ने हनुमान चालीसा पाठ के बाद प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन

हिन्दू संगठनों ने हनुमान चालीसा पाठ के बाद प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन
हिन्दुओं की सुरक्षा, जन संख्या नियंत्रण कानून की मांग
बस्ती। गुरूवार को अन्तरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद जिलाध्यक्ष स्नेह पाण्डेय, राष्ट्रीय बजरंग दल जिलाध्यक्ष मनमोहन त्रिपाठी और संरक्षक प्रमोद पाण्डेय के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने हिन्दुओं के बढते उत्पीड़न, जन संख्या नियंत्रण आदि सवालों को लेकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा। लम्बी प्रतीक्षा के बाद जब कोई अधिकारी ज्ञापन लेने नहीं पहुंचा तो पदाधिकारी हनुमान चालीसा पढने लगे। कलेक्टेªट में जब हनुमान चालीसा की आवाज गूंजने लगी तो जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी ने हनुमान चालीसा पूरा हो जाने के बाद ज्ञापन लिया।
प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा गया है कि भारत के किसी भी प्रदेश में हिंदू समाज सुरक्षित नहीं है। हिन्दुओं के सभी त्यौहारों पर देश के किसी न किसी हिस्से में, या देश के किसी न किसी शहर में हमले होते हैं, शोभा यात्राओं पर हमले हैं। पिछले दिनों में बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले का दंगा जिसमें हिंदुओं को मारा गया। पहलगाम में मुसलमानों ने सुनियोजित तरीके से आतंकी घटना को अंजाम दिया। बांग्लादेश में हिन्दुओं के विरुद्ध हुआ नरसंहार भी जनसंख्या में असंतुलन का ही परिणाम था। देश में बढ़ती हुई जनसंख्या का एक बड़ा कारण बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ भी एक बड़ा कारण है, इस घुसपैठ को रोकना, और घुसपैठियों को बाहर निकालना भी जरूरी है। छांगुर जैसे विदेशी धन पर धर्मांतरण करने वाले सक्रिय गिरोह भी हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं।
ज्ञापन देने के बाद बस्ती मण्डल विभागाध्यक्ष संजय द्विवेदी, संरक्षक प्रमोद पाण्डेय के साथ ही अन्तरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद जिलाध्यक्ष स्नेह पाण्डेय, राष्ट्रीय बजरंग दल जिलाध्यक्ष मनमोहन त्रिपाठी और ने कहा कि मुस्लिम समुदाय की बढ़ती संख्या हिंदुओं के लिए बहुत बड़ा खतरा बन गई है। देश में बढ़ती हुई आबादी एवं जनसंख्या के कारण आने वाले गंभीर खतरों को देखते हुए भारत सरकार को जनसंख्या नियंत्रण नियंत्रण करने के लिए कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है। कोई व्यक्ति एक या एक से अधिक पत्नियों से दो से ज्यादा बच्चे पैदा करता है तो उस पति पत्नी को आजीवन कारावास जैसे कठोर दंड का प्रावधान किया जाए। साथ ही उसके परिवार को मिलने वाली सभी शासकीय सुविधाओं को प्रतिबंधित करते हुए मताधिकार भी समाप्त किया जाए। ज्ञापन देने वालों मंे ओजस्वी परिषद की बन्धना गोल्दार, डा. अनन्या सिंह, रीना गोल्दार के साथ ही वशिष्ठ मुनि दूबे, अनिल प्रजापति, रविन्द्र कश्यप, सुशील, हरेन्द्र सिंह, राजन चौहान, मंगेश शर्मा, हृदेश पाण्डेय, सदानन्द सैनी, राकेश पाण्डेय, राजन चौहान, राजू चौहान, मनोज गुप्ता, विष्णुदेव कश्यप, अमरदीप चौहान आदि शामिल रहे।

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